पंचांग

पंचांग, ब्रहस्पतिवार 04 सितंबर 2025

अशुभ मुहूर्त (काल) राहु काल: 01:58 PM – 03:31 PM

तिथि और पक्ष

शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि प्रारंभ और अन्त:

प्रारंभ: 04 सप्टेंबर की सुबह

समाप्ति: अगली तिथि 05 सितंबर सुबह 04:08 बजे तक

अंतरगत तिथि: त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 05 सितंबर सुबह 04:08 बजे से

संवत्सर:

विक्रम संवत: 2082 (कालयुक्त)

शक संवत: 1947 (विश्वावसु)

नक्षत्र, करण, योग

नक्षत्र:

उत्तराषाढा: 03 सितंबर रात से लेकर 04 सितंबर रात 11:43 PM तक

श्रवण: 04 सितंबर रात 11:43 PM से प्रारंभ

करण:

बव: सुबह 04:22 AM से शाम 04:20 PM तक

बालव: शाम 04:20 PM से अगले दिन सुबह 04:08 AM तक

योग:

सौभाग्य योग: सुबह 04:17 PM से शाम 03:21 PM तक (संभवतः AM/PM मिलान त्रुटि, सामान्यतः सुबह AM तक)

शोभन योग: शाम 03:21 PM से अगले दिन 01:52 PM तक

वार (दिवस)

गुरुवार (ब्रह्मा दिवस)

सूर्योदय, सूर्यास्त और चंद्र

सूर्योदय: 06:13 AM

सूर्यास्त: 06:37 PM

चन्द्रोदय: 04:29 PM

चन्द्रास्त: अगली तिथि 05 सितंबर, 03:27 AM

अशुभ मुहूर्त (काल)

राहु काल: 01:58 PM – 03:31 PM

यमगंड: 06:13 AM – 07:46 AM

गुलिक काल: 09:19 AM – 10:52 AM

दुर्मुहूर्त:

10:21 AM – 11:11 AM

03:19 PM – 04:08 PM

वर्ज्यम्:

07:20 AM – 08:58 AM

03:42 AM – 05:18 AM (अगली तिथि)

शुभ मुहूर्त

अभिजीत मुहूर्त: 12:01 PM – 12:50 PM

अमृत काल: 05:09 PM – 06:47 PM

ब्रह्म मुहूर्त: 04:37 AM – 05:25 AM (सुबह)

त्यौहार और व्रत

वामन जयंती, कल्कि द्वादशी, भुवनेश्वरी जयंती मनाये जाने वाले प्रमुख पर्व हैं

पार्श्व (परिवर्तिनी) एकादशी का व्रत 3 या 4 सितंबर को हो सकता हैअस्वस्थता या भ्रम के कारण पुष्टि हेतु पंचांग या विशेषज्ञ सलाह की जरूरत है

सप्ताह के कैलेंडर के अनुसार, 4 सितंबर को प्रदोष व्रत और शिक्षक दिवस की जानकारी भी मिलती है

सारांश तालिका

घटक  विवरण

तिथि  शुक्ल द्वादशी (04:08 AM तक), त्रयोदशी प्रारंभ

संवत्सर      विक्रम संवत 2082 (कालयुक्त), शक संवत 1947 (विश्वावसु)

सूर्योदयसूर्यास्त     06:13 AM – 06:37 PM

चन्द्रोदयचन्द्रास्त    04:29 PM – अगले दिन 03:27 AM

नक्षत्र  उत्तराषाढा (दोपहर तक), श्रवण (रात में)

करण / योग  बव/बालव, सौभाग्य/शोभन

अशुभ मुहूर्त  राहु, यमगंड, गुलिक, दुर्मुहूर्त, वर्ज्यम

शुभ मुहूर्त    अभिजीत, अमृत, ब्रह्म मुहूर्त

पर्वव्रत      वामन, कल्कि द्वादशी, भुवनेश्वरी, पार्श्व एकादशी (व्रत)

 

(साई फीचर्स)