सिवनी

शासकीय महाविद्यालय कुरई में जेंडर संवेदीकरण विषय पर जागरूकता सत्र आयोजित

सेंटर एडमिन श्रीमती नारायनी सक्सेना ने पॉक्सो अधिनियम  2012 के बारे में बताते हुए कहा कि बच्चों को यौन अपराधों से  बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कानून हैं। यह 18 वर्ष से कम  आयु के किसी भी व्यक्ति के खिलाफ यौन गतिविधि को अपराध मानता है और ऐसे मामलों में त्वरित सुनवाई के लिए विशेष अदालतें स्थापित करता है। इस कानून का उद्देश्य बच्चों के प्रति यौन शोषण को रोकना हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को महिला बाल विकास विभाग की पहल मिशन शक्ति से  अवगत कराते हुए कहा कि मिशन  शक्ति महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण के लिए चलाया जा जा रहा हैं।  यह मिशन महिलाओं और बालिकाओं को सुरक्षित और भयमुक्त वातावरण जीवन  जीने में ,स्वावलंबी बनने और समाज में एक मजबूत स्थान प्राप्त करने में मदद  करने के लिए  बनाया गया हैं। जागरूकता सत्र में आगे जेंडर संवेदीकरण  विषय पर भाषण प्रतियोगिता आयोजित हुई।

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। मिशन शक्ति के तहत जिला हब फॉर इंपावरमेंट ऑफ वूमेन के अंतर्गत महिला एवम् बाल विकास विभाग के द्वारा 02 से 12 सितम्‍बर तक 10 दिवसीय विशेष जागरुकता अभियान चलाया जा रहा हैं।

इसी क्रम में वन स्टॉप सेंटर महिला एवं बाल विकास विभाग सिवनी के द्वारा गुरूवार 4 सितम्‍बर को शासकीय महाविद्यालय कुरई में जेंडर संवेदीकरण जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। सत्र की शुरुआत में श्रीमती वर्षा बैस केस वर्कर वन स्टॉप सेंटर और श्रीमती नारायनी सक्सेना सेंटर एडमिन का विद्यार्थियों द्वारा करतल ध्वनियों से स्वागत किया गया।

तत्पश्चात् राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी प्रो पंकज गहरवार ने कार्यक्रम के उद्देश्य बताते हुए कहा कि जेंडर संवेदीकरण का मुख्य उद्देश्य लोगों को लैंगिक समानता का महत्व और लैंगिक दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना है। जेंडर संवेदीकरण के द्वारा ऐसा समाज बनाना हैं, जहां सभी व्यक्तियों के साथ उनके जेंडर के आधार पर भेदभाव न हो और सभी को समान अवसर मिल सके। श्रीमती वर्षा बैस ने विद्यार्थियों को वन स्टॉप सेंटर के बारे में बताते हुए कहा कि घर से लेकर दफ्तर तक महिलाओं को लिंग के आधार पर कई बार भेदभाव और हिंसा का सामना करना पड़ता हैं। इस तरह की घटनाओं को रोकने और महिलाओं को मजबूती से खड़ा करने के मकसद से ही वन स्टॉप सेंटर शुरू किए गए हैं। वन स्टॉप सेंटर महिलाओं के सम्मान की रक्षा का स्थान हैं। सभी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को एक ही स्थान पर सहायता एवं संरक्षण हेतु अस्थाई  आश्रय,चिकित्सा, काउंसलिंग, विधि सहायता,पुलिस डेस्क उपलब्ध कराई जाती हैं।

सेंटर एडमिन श्रीमती नारायनी सक्सेना ने पॉक्सो अधिनियम  2012 के बारे में बताते हुए कहा कि बच्चों को यौन अपराधों से  बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कानून हैं। यह 18 वर्ष से कम  आयु के किसी भी व्यक्ति के खिलाफ यौन गतिविधि को अपराध मानता है और ऐसे मामलों में त्वरित सुनवाई के लिए विशेष अदालतें स्थापित करता है। इस कानून का उद्देश्य बच्चों के प्रति यौन शोषण को रोकना हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को महिला बाल विकास विभाग की पहल मिशन शक्ति से  अवगत कराते हुए कहा कि मिशन  शक्ति महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण के लिए चलाया जा जा रहा हैं।  यह मिशन महिलाओं और बालिकाओं को सुरक्षित और भयमुक्त वातावरण जीवन  जीने में ,स्वावलंबी बनने और समाज में एक मजबूत स्थान प्राप्त करने में मदद  करने के लिए  बनाया गया हैं। जागरूकता सत्र में आगे जेंडर संवेदीकरण  विषय पर भाषण प्रतियोगिता आयोजित हुई।

प्रतियोगिता में वंदना दर्शनिया, माही श्रीवास, आशीष,करीना बंशकार, पायल वैद्य, नीरज करमकर, आलिया खान, प्रतिमा ने बारी-बारी से  जेंडर संवेदीकरण पर अपने विचार रखे। तत्पश्चात प्रतियोगिता का परिणाम घोषित किया गया । प्रतियोगिता में प्रथम स्थान वंदना दर्शनिया, द्वितीय स्थान माही श्रीवास और तृतीय स्थान पर नीरज करमकर चयनित हुए। चयनित प्रतिभागियों को  वन स्टॉप सेंटर द्वारा पुरुस्कृत  किया गया। प्रतिभागियों को सांत्वना प्राइज दिया गया। कार्यक्रम में रासेयो कार्यक्रम अधिकारी प्रो पंकज गहरवार, प्रभारी प्राचार्य पवन सोनिक, प्रो जयप्रकाश मरावी, डॉ तीजेश्वरी पारधी, योगेश तिवारी, डॉ राजेंद्र कटरे, अल्का नागले, नागेश पंद्रे, निहाल गेडाम, रामप्रसाद डहरिया इत्यादि की उपस्थिति रही।