गीता के सातवें अध्याय का पाठ आपको दिला सकता है पितृ ऋण से मुक्ति . . .

भगवद्गीता का सातवाँ अध्याय भक्तियोग पर केंद्रित है, जो आत्मा को भक्ति और ज्ञान से जोड़ता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसका पाठ करने से पितृ ऋण से मुक्ति मिल सकती है। यही कारण है कि पितृ पक्ष में गीता पाठ का विशेष महत्व बताया गया है।

इस तरह भी गीता पाठ कर आप पा सकते हैं पितृ ऋण से मुक्ति . . .