अमेरिकी राजनीति में बड़ा फैसला
(विनीत खरे)
नई दिल्ली (साई)। वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को घोषणा की कि वे Antifa को ‘‘मेजर टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन’’ (आतंकवादी संगठन) घोषित कर रहे हैं। यह घोषणा ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म Truth Social पर की।
यह फैसला उस समय आया है जब कुछ ही दिन पहले उनके करीबी सहयोगी और राइट-विंग कार्यकर्ता चार्ली किर्क की हत्या कर दी गई थी।
ट्रंप का सख्त संदेश
ट्रंप ने अपने पोस्ट में लिखा –
“मैं अमेरिका के सभी देशभक्तों को यह जानकारी देना चाहता हूं कि मैंने ANTIFA, एक खतरनाक, कट्टरपंथी वामपंथी आपदा, को बड़ा आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। जो भी Antifa को फंडिंग देगा, उसकी जांच उच्चतम कानूनी मानकों के अनुसार की जाएगी।”
इस बयान ने अमेरिकी राजनीति में हलचल मचा दी है।
चार्ली किर्क की हत्या
- 31 वर्षीय चार्ली किर्क, जो Turning Point USA के सह-संस्थापक और सीईओ थे, की 10 सितंबर को Utah Valley University में गोली मारकर हत्या कर दी गई।
- रिपोर्ट्स के अनुसार हमलावर टायलर रॉबिन्सन (22) ने भीड़ में घुलमिलकर यह वारदात की।
- गले में गोली लगने से किर्क की मौके पर ही मौत हो गई।
- बाद में रॉबिन्सन ने अपने ट्रांसजेंडर पार्टनर को मैसेज में हत्या की बात कबूल की। उसने लिखा – “मुझे उसकी नफरत से तंग आ गया था। कुछ नफरत को बातचीत से खत्म नहीं किया जा सकता।”
ट्रंप ने किर्क की मौत की पुष्टि करते हुए उन्हें ‘‘ग्रेट और लीजेंडरी’’ कार्यकर्ता बताया।
व्हाइट हाउस और वरिष्ठ नेताओं की प्रतिक्रिया
व्हाइट हाउस डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ स्टीफन मिलर ने कहा कि चार्ली किर्क का अंतिम संदेश ‘‘कट्टरपंथी वामपंथी समूहों’’ के खिलाफ समन्वित कार्रवाई की अपील थी।
मिलर ने ‘‘The Charlie Kirk Show’’ पॉडकास्ट (जिसे उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने होस्ट किया) में कहा कि सरकार हर संसाधन का इस्तेमाल कर इन समूहों को खत्म करेगी।
Antifa क्या है?
- Antifa शब्द ‘‘Anti-Fascist’’ से लिया गया है।
- यह कोई औपचारिक संगठन नहीं बल्कि वामपंथी कार्यकर्ताओं का एक विकेंद्रित नेटवर्क है।
- Antifa के सदस्य खुद को फासीवाद और नस्लवाद के खिलाफ लड़ने वाला बताते हैं।
- ये अक्सर दक्षिणपंथी सभाओं और रैलियों का विरोध करते हैं।
- इनकी गतिविधियां अधिकतर सोशल मीडिया, एन्क्रिप्टेड नेटवर्क और Signal जैसे मैसेजिंग ऐप्स के माध्यम से संगठित होती हैं।
- Antifa का प्रतीक चिन्ह 1917 की रूसी क्रांति के ‘‘लाल झंडे’’ और 19वीं सदी के ‘‘अराजकतावादी काले झंडे’’ का संयोजन है।
ट्रंप और Antifa का पुराना टकराव
ट्रंप और Antifa का संघर्ष नया नहीं है।
- मई 2020 में, जॉर्ज फ्लॉयड विरोध प्रदर्शनों के दौरान भी ट्रंप ने Antifa को आतंकवादी संगठन घोषित करने की बात कही थी।
- ट्रंप और रिपब्लिकन पार्टी का आरोप है कि Antifa अमेरिका में हिंसक विरोध प्रदर्शन कराता है और दक्षिणपंथी नेताओं को निशाना बनाता है।
- वहीं, Antifa समर्थकों का कहना है कि वे केवल ‘‘फासीवाद’’ और ‘‘चरम दक्षिणपंथी विचारधारा’’ का विरोध करते हैं।
राजनीतिक विश्लेषण
ट्रंप का यह कदम अमेरिकी राजनीति में बड़े बदलाव की ओर इशारा करता है।
- रिपब्लिकन समर्थक इसे एक ‘‘देशभक्ति भरा कदम’’ बता रहे हैं।
- वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी और मानवाधिकार संगठनों ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं।
- आलोचकों का कहना है कि Antifa कोई केंद्रीकृत संगठन नहीं है, इसलिए उसे आतंकवादी घोषित करना कानूनी रूप से चुनौतीपूर्ण होगा।
चार्ली किर्क: एक प्रभावशाली कंजर्वेटिव चेहरा
चार्ली किर्क अमेरिका के युवा कंजर्वेटिव आंदोलन का बड़ा चेहरा थे।
- उन्होंने Turning Point USA की स्थापना की थी, जिसका उद्देश्य युवाओं को दक्षिणपंथी विचारधारा से जोड़ना था।
- किर्क का शो, पॉडकास्ट और सार्वजनिक भाषण युवाओं में बेहद लोकप्रिय थे।
- ट्रंप के साथ उनकी निकटता भी जगजाहिर थी।
उनकी हत्या ने अमेरिका में राजनीतिक ध्रुवीकरण को और तेज कर दिया है।
आगे की राह
अब सवाल उठ रहा है कि ट्रंप का यह फैसला न्यायालय और कांग्रेस में किस तरह चुनौती पाएगा।
- क्या Antifa को सच में ‘‘आतंकवादी संगठन’’ घोषित किया जा सकेगा?
- क्या इससे अमेरिका में फ्री स्पीच और असहमति की आवाज़ों पर अंकुश लगेगा?
- या यह कदम रिपब्लिकन समर्थकों को और ज्यादा एकजुट करेगा?
निष्कर्ष
चार्ली किर्क की हत्या के बाद ट्रंप द्वारा Antifa को आतंकवादी संगठन घोषित करना अमेरिकी राजनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। यह फैसला न सिर्फ रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक खेमों के बीच तनाव बढ़ाएगा बल्कि अमेरिका की ‘‘आंतरिक सुरक्षा बनाम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’’ की बहस को भी नई दिशा देगा।

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