उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की नाराजगी की चर्चाओं से अटा पड़ा है सियासी बियावान
(लिमटी खरे)
महाराष्ट्र में एक बार फिर सियासी कंपन महसूस किया जाने लगा है। भाजपा और शिवसेना युती सरकार में शायद सब कुछ ठीक ठाक चलना नहीं दिख रहा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और उपमुमख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच सब कुछ सामान्य शायद नहीं रह गया है। यही कारण है कि अब महाराष्ट्र की सियासत में असंतोष का लावा खदबदाता दिखाई देने लगा है।
भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि महाराष्ट्र में सियासी झटके महसूस किए जा रहे हैं, पर ये झटके बहुत ही सौम्य (हल्के) प्रतीत हो रहे हैं। अंदर ही अंदर महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों एक बार फिर से असंतोष का लावा खदबदाता दिखाई देने लगा है। देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महायुति सरकार का गठन हुए लगभग एक साल का समय बीत चुका है पर इसके बाद भी लगातार ही उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नाराज होने की खबरें सियासी हल्कों में चलती रही हैं।
इधर, हालिया घटनाक्रम ने इस नाराज़गी को और स्पष्ट कर रेखांकित कर दिया है। हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई कई अहम बैठकों में एकनाथ शिंदे की अनुपस्थिति ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। अब लोग दबी जुबान से तरह तरह की चर्चाएं करते नजर आ रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि शिंदे के द्वारा बैठकों के अघोषित बहिष्कार का सिलसिसला 13 अगस्त को हुई कैबिनेट बैठक से हुआ, जिसमें एकनाथ शिंदे शामिल नहीं हुए। इसका कारण बताया गया कि वे उस समय श्रीनगर में छुट्टियां मना रहे थे। इसके बाद, एक हफ्ते बाद भी उन्होंने एक और महत्वपूर्ण बैठक को छोड़ दिया, जबकि वे उसी समय मुंबई में मौजूद थे।
सूत्रों का यह भी कहना था कि उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे लंबे समय से मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की कार्यप्रणाली और स्वयं की उपेक्षा से बुरी तरह आहत हैं। यही कारण है कि शिंदे ने इसके पहले भी मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के द्वारा बुलाई गई अनेक समीक्षा बैठकों में भी शिरकत करने की जहमत नहीं उठाई, यहां तक कि उन्होंने उन सार्वजनिक कार्यक्रमों से भी किनारा किया जिसमें मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित रहे।
उधर, दिल्ली मुख्यालय में भाजपा के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच चल रहे इस कोल्ड वाल की धमक देश की राजनैतिक राजधानी दिल्ली तक पहुंच चुकी है। शीर्ष नेतृत्व वर्तमान में वेट एण्ड वाट की स्थिति में ही नजर आ रहा है, क्योंकि नेतृत्व उपराष्ट्रपति चुनाव तक कोई जोखिम उठाना नहीं चाह रहा है।
अब सियासी फिजा में यह बात भी तैरने लगी है कि महाराष्ट्र की सियासत में जल्द ही कुछ नया हो सकता है। जिसमें गठबंधन या सरकार दोनों ही में परिवर्तन शामिल हैं। यक्ष प्रश्न यही खड़ा दिखाई दे रहा है कि क्या महायुति सरकार के भीतर खटपट और अधिक बढ़ गई है, या खाई पटने की स्थिति है? क्या यह नाराज़गी आगे किसी बड़े राजनीतिक फेरबदल का संकेत भी दे रही है? विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की दूरी और बैठकों से अनुपस्थिति न केवल गठबंधन के तालमेल पर सवाल खड़े करती है, वरन आने वाले महीनों में राजनीतिक समीकरण बदलने के भी संकेत दे सकती है।
(साई फीचर्स)

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