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जानिए, प्रतिपदा अर्थात पहले दिन किस तरह से किया जाए श्राद्ध कर्म!

पितृ पक्ष में प्रत्येक दिन 15 दिनों तक कुशा की जूडी, जल के लोटे के साथ ले जा कर पीपल के नीचे कुशा की जूडी को पितृ मानकर जल से तर्पण करें। तर्पण के बाद घर आकर प्रति दिन ही भोजन के समय एक रोटी गाय को, एक रोटी कुत्ते को और एक रोटी कौओं को जरूर खिलाएं। साथ ही अगर संभव हो सके तो अपनी छत पर किसी चौडे पात्र में जल भरकर पक्षियों के लिए जरूरी रखें और अनाज के दाने भी छत पर डालें। ब्राहृमण भोजन, श्राद्ध, तर्पण तथा अमावस्या पूजन इत्यादि जैसे अपने घर करते आ रहे हैं, वह वैसे ही करें। विद्वानों का कहना है कि श्राद्ध कर्म करने के लिए किसी नदी या सरोवर के तट को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। आईए अब जानते हैं कि पितृ पक्ष में क्या सावधानियां बरतना जरूरी है,

जानिए प्रतिपदा पर श्राद्ध कर्म का महूर्त एवं विधि विधान आदि सब कुछ विस्तार से . . .