editor's choice व्यापार

लाल सागर में इंटरनेट केबल्स पर हमला : वैश्विक डिजिटल युद्ध का नया मोर्चा

यह घटना केवल इंटरनेट की धीमी गति का मामला नहीं है, बल्कि यह दर्शाती है कि आने वाले समय में डिजिटल बुनियादी ढाँचा (Digital Infrastructure) भू-राजनीतिक संघर्षों का नया निशाना बन सकता है। लाल सागर जैसे रणनीतिक स्थान पर अंडरसी केबल्स को निशाना बनाना वैश्विक सुरक्षा (Global Security), साइबर युद्ध (Cyber Warfare) और आर्थिक स्थिरता के लिए एक गंभीर चुनौती है। यह घटना दुनिया को यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमारे डिजिटल जीवन की सुरक्षा कितनी महत्त्वपूर्ण है।

(विनीत खरे)

नई दिल्ली (साई)। हाल ही में लाल सागर (Red Sea) में इंटरनेट केबल्स को नुकसान पहुँचाने की घटना ने दुनिया भर में डिजिटल कनेक्टिविटी को हिला दिया है। 15 मुख्य अंडरसी ऑप्टिकल फाइबर केबल्स में से 4 के अलग-अलग सात जगहों पर क्षतिग्रस्त होने से भारत समेत कई देशों में इंटरनेट सेवाएँ बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। यह कोई सामान्य तकनीकी खराबी नहीं, बल्कि एक सुनियोजित और गंभीर हमला माना जा रहा है।

आखिर हुआ क्या है?

भारत में पिछले कुछ दिनों से इंटरनेट की गति धीमी और अस्थिर है। इसका मुख्य कारण लाल सागर में हुई यह घटना है। हालाँकि, इस हमले की ज़िम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है। शुरू में इसका आरोप #हुती विद्रोहियों पर लगाया गया, लेकिन उन्होंने इस आरोप से इनकार किया है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला ईरान के इशारे पर किया गया हो सकता है। इतने बड़े पैमाने पर एक ही रूट की केबल्स का कटना किसी तकनीकी गड़बड़ी का परिणाम नहीं हो सकता। यह साइबर सुरक्षा और भू-राजनीतिक रणनीति से जुड़ा एक बड़ा मुद्दा है।

इस हमले का मकसद क्या है?

विशेषज्ञों के अनुसार, यह हमला एक सोची-समझी योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य वैश्विक डिजिटल बुनियादी ढाँचे (Global Digital Infrastructure) की कमज़ोरियों को परखना है। हमलावरों का असली मकसद यह जानना था कि अगर दुनिया का एक महत्वपूर्ण इंटरनेट मार्ग बाधित हो जाए, तो वैश्विक अर्थव्यवस्था और देशों पर इसका क्या असर पड़ता है।

सोच-समझकर किया गया हमला : एक ही रूट की 4 केबल्स को नुकसान पहुँचाना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि एक सुनियोजित आतंकी हमला है।

वैश्विक आर्थिक प्रभाव का आकलन: इंटरनेट पर निर्भर दुनिया में, इस तरह का हमला यह दिखाता है कि डिजिटल युद्ध किस तरह से आर्थिक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है।

दुनिया पर इसका क्या प्रभाव पड़ा?

लाल सागर की घटना ने दुनिया भर के इंटरनेट नेटवर्क को एक बड़ा झटका दिया है:

भारत और मध्य पूर्व: भारत, यूएई और अन्य खाड़ी देशों में इंटरनेट सेवाएँ आंशिक रूप से धीमी हुईं, जिससे व्यापार और संचार प्रभावित हुआ।

अफ्रीका में गंभीर संकट: पश्चिमी अफ्रीका के कुछ देशों, जैसे घाना में, स्थिति कहीं ज़्यादा गंभीर थी, जहाँ लगभग 10 दिनों तक इंटरनेट पूरी तरह से बाधित रहा।

क्लाउड सेवाएँ भी प्रभावित: Microsoft Azure जैसी बड़ी क्लाउड सेवाएँ और अन्य कंपनियाँ भी इस हमले से अछूती नहीं रहीं। उन्होंने भी इंटरनेट की गति (latency) में बढ़ोतरी और सेवाओं में रुकावट की पुष्टि की।

एक नया वैश्विक खतरा

यह घटना केवल इंटरनेट की धीमी गति का मामला नहीं है, बल्कि यह दर्शाती है कि आने वाले समय में डिजिटल बुनियादी ढाँचा (Digital Infrastructure) भू-राजनीतिक संघर्षों का नया निशाना बन सकता है। लाल सागर जैसे रणनीतिक स्थान पर अंडरसी केबल्स को निशाना बनाना वैश्विक सुरक्षा (Global Security), साइबर युद्ध (Cyber Warfare) और आर्थिक स्थिरता के लिए एक गंभीर चुनौती है। यह घटना दुनिया को यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमारे डिजिटल जीवन की सुरक्षा कितनी महत्त्वपूर्ण है।