दर्जनों चिटफण्ड कंपनियां उड़ा रहीं कायदों का माखौल!
(अय्यूब कुरैशी)
सिवनी (साई)। सिवनी जिले में एक बार फिर चिटफण्ड कंपनियों ने पैर पसारना आरंभ कर दिया है। जिला मुख्यालय में एक दर्जन के लगभग चिटफण्ड कंपनियों के द्वारा लोगों से रकम जमा करवायी जा रही है। आधे दशक में अनेक कंपनियों ने अपने कार्यालय का स्थान तो नहीं बदला है पर कंपनियों के नाम बदल गये हैं, निवेशक अपना धन वापस पाने भटक रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार लुभावनी योजनाओं के जरिये अपने कारिंदों के माध्यम से ये चिटफण्ड कंपनियां निवेशकों को आकर्षित करती हैं। इन कंपनियों का निशाना ग्रामीण अंचल की भोली भाली जनता ही प्रमुख रूप से हुआ करती है। इन कंपनियों का लक्ष्य जैसे ही पूरा होता है, वैसे ही ये कंपनियां अपना कार्यालय बंद कर देती हैं। इसके बाद स्थानीय स्तर पर काम करने वाले इनके गुर्गे अन्य स्थानों पर नयी कंपनी का कार्यालय खोलकर बैठ जाते हैं। यह सिलसिला सालों से बदस्तूर जारी है।
बताया जाता है कि इन कंपनियों में करोड़ों रूपये सालाना का कारोबार किया जाता है। आरोग्य धन वर्षा (एडीएम), साई प्रसाद, साई प्रकाश, रोज वेली, इण्डस वेयर इण्डस्ट्रीज लिमिटेड, पल्स इंडिया प्राईवेट लिमिटेड, सीएलसी, पिनकॉन ग्रुप की ग्रीन फुड प्रोडॅक्ट लिमिटेड, लर्नयूनिवर्स प्रोसीजर कंपनी लिमिटेड, उत्कल मल्टी स्टेट क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी लिमिटेड आदि कंपनियों के द्वारा बिछाये गये जाल में अनेक निवेशकों के द्वारा अपना – अपना पैसा जमा करवाया गया है।
चिटफण्ड कंपनियों से जुड़े सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कंपनियों के द्वारा अपने अभिकर्त्ताओं (एजेंट्स) को जमा करायी जाने वाली राशि पर मोटा कमीशन दिया जाता है। सूत्रों का कहना है कि कंपनियों के द्वारा कमीशन के तौर पर बीस हजार रूपये से ज्यादा की राशि नगद ही प्रदाय कर दी जाती है जबकि भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के हिसाब से बीस हजार रूपये से ज्यादा का लेनदेन धनादेश (चेक) के माध्यम से किया जाना जरूरी है।
सूत्रों की मानें तो सिवनी जिले में कथित तौर पर फैली प्रशासनिक शिथिलता का पूरा-पूरा लाभ चिट फण्ड कंपनियों के संचालकों के द्वारा उठाया जा रहा है। लुटे पिटे लोग कोर्ट कचहरी के चक्कर में पड़कर समय और पैसा गंवाने से बच रहे हैं जिससे इस तरह की चिटफण्ड कंपनियों के लिये सिवनी मुफीद स्थान ही साबित होता दिख रहा है।
हाल ही में आरोग्य धनवर्षा डेव्हलपर्स एवं एलायड लिमिटेड कंपनी के खिलाफ पाँच करोड़ रूपये वसूलने के आरोप की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद इसके कर्त्ताधर्त्ताओं की गिरफ्तारी के बाद निवेशकों को उम्मीद जागी है कि चिटफण्ड कंपनियों के द्वारा उनके साथ किये गये फ्रॉड के मामले में भी पुलिस कार्यवाही कर उनका पैसा उन्हें वापस लौटाने के मार्ग प्रशस्त करेगी।