जिले भर में टोकन लेकर भटक रहा अन्नदाता किसान
(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का काम अब तक पूरा नहीं हो पाया। 05 फरवरी तक आठ में से पाँच हजार किसानों को टोकन के आधार पर उनकी धान खरीदी तो कर ली गयी लेकिन शेष तीन हजार किसानों की धान कब खरीदी जायेगी इसका कोई जवाब नहीं दे पा रहा है।
आलम यह है कि किसानों ने धान खरीदी केंद्र में लाकर रख दी। धान की रखवाली वे ही कर रहे हैं। इधर किसानों को बारिश का डर सता रहा है। किसानों का कहना है कि उनकी धान नहीं बिकी तो उन्हें बड़ा नुकसान होगा। इस मामले में अधिकारियों ने भोपाल से निर्देश मिलने की बात कही है।
55 हजार मीट्रिक टन खुले में : इधर समितियों में अभी भी खरीदा गया धान खुले में पड़ा है। इसमें से 55 हजार मीट्रिक टन धान रखा हुआ है। परिवहन को लेकर आ रही तकनीकी समस्या को लेकर केंद्र प्रभारी परेशान हैं। उनका कहना है कि परिवहन नहीं होने से दिक्कतें हैं। बारिश और धान चोरी की समस्या है। वहीं केंद्रों में सुरक्षा के संसाधन नहीं है। धान चोरी की घटनाएं सामने आ चुकी हैं लेकिन खरीदी केन्द्र प्रभारी धान सुरक्षा के लिये उदासीन बने हुए हैं।
दो लाख एमटी से ज्यादा खरीदी : जिले के 81 खरीदी केंद्रों से पाँच फरवरी तक दो लाख मीट्रिक टन से अधिक की खरीदी हो गयी है जबकि 25 जनवरी तक खरीदी 01.75 मीट्रिक टन थी। इस बार धान की बंपर आवक होने से अधिकारी भी पशोपेश में पड़ गये हैं। इधर किसानों उनकी धान की तौल कराने के लिये वे लगातार शिकायत कर रहे हैं। सबसे ज्यादा शिकायतें मोहगाँव, बम्होड़ी, बरघाट और लालपुर के अलावा पलारी क्षेत्र में है, यहाँ पर किसान परेशान हैं।
20 हजार क्विंटल धान की खरीदी शेष : प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में जिन तीन हजार किसानों की धान खरीदा जाना शेष रह गया है उनसे लगभग 20 हजार क्विंटल से अधिक धान की खरीदी शेष है। अब समस्या यह है कि पोर्टल बंद हो गया है। खरीदी के आदेश के लिये अधिकारी भी इंतजार कर रहे हैं। इधर समितियों के बार-बार चक्कर किसान काट रहे हैं। किसानों को सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं। सबसे ज्यादा दिक्कतें उन किसानों के सामने हैं जिन्होंने दूर गाँव से भाड़े में गाड़ी करके धान लाकर रखी है। खरीदी परिसर में भी शेड की सुविधा नहीं है।
भुगतान को भटक रहे किसान : इधर जिन किसानों की धान खरीदी जा चुकी है उनको भुगतान नहीं हो पाया है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि पूरी कार्रवाई के बाद ही भुगतान होगा। इसमें स्वीकृति पत्रक के बाद भुगतान होगा। फिलहाल भण्डारण भी जारी है। वहीं किसानों का आरोप है कि धान का भुगतान एक सप्ताह के भीतर हो जाना था लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। भविष्य में शादी और अन्य आयोजन हैं जिसको लेकर वे चिंतित हैं।
तीन हजार किसानों को टोकन दिये गये हैं. उनकी धान खरीदी के लिये भोपाल से आदेश होंगे. फिलहाल हम भी आदेश का इंतजार कर रहे हैं.
दिलीप सक्सेना,
जिला प्रबंधक
नागरिक आपूर्ति निगम.