गर्मियों के दिनो में रोज़ेदार इस तरह रखें अपनी सेहत का ख्याल

 

 

(सादिक खान)

सिवनी (साई)। मज़हब – ए – इस्लाम के मुताबिक़, नये माह (महीने) की शुरुआत चाँद दिखने से होती है। इस हिसाब से सोमवार को चाँद दिखने के बाद से रमज़ान का पाक (पवित्र) महीना आरंभ हो गया है।

सोमवार को चाँद दिखने के साथ ही आरंभ हो गया है पवित्र माह में बढ़ चढ़ कर की जाने वाली इबादतों का सिलसिला। पहला रोजा मंगलवार 07 मई से रखा जायेगा। जैसा कि सभी जानते हैं कि, इस बार के रमजान भीषण गर्मियों में आये हैं। हालांकि मोमिन (अल्लाह की मानने वाला) की इबादत पर सीजन का कोई असर नहीं होता, लेकिन फिर भी रोज़ेदार (रोज़ा रखने वाला) इन दिनों में अपने खान-पान पर ध्यान दं, तो गर्मी की सख्ती का उसकी इबादत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। तो आईये जानते हैं गर्मी के इन दिनों में रोज़े के दौरान अपनी सेहत का कैसे ख्याल रखें। इस तरह रखें सेहत का ख्याल :

बचें भारी खाने से : आमतौर पर लोग मानते हैं कि, सेहरी या इफ्तार के वक्त कुछ भारी खा लेने से लंबे समय तक भूख लगने से बचा जा सकता है लेकिन, ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है। गर्मी के दिनों में रोजे के वक्त भूख से ज्यादा प्यास की शिद्दत हो सकती है।

अगर खासकर हम सेहरी में ज्यादा भारी खाना खाते हैं, तो रोज़े की हालत में प्यास ज्यादा लगती है। साथ ही, अपच के कारण खट्टी डकारें भी आ सकती हैं, जो रोज़े को मकरूह (खण्डित) कर सकती हैं। जिसकी वजह से रोज़े के वक्त इबादत में खलल (अवरुद्ध) होता है। इसलिये खासतौर पर सेहरी में हल्का खाना ही खायें।

करें परहेज तली चीजें खाने से : सहरी या इफ्तार के वक्त तली हुई चीजों को खाने से बचें। अक्सर लोग इफ्तार के वक्त ज्यादातर तली हुई चीजें खाना ही पसंद करते हैं। इसके पीछे उनका मानना होता है कि, इन चीजों से मूह का टेस्ट सही हो जायेगा लेकिन दिनभर रोजे के चलते भूखा रहने के बाद आप तली हुई चीजें खाते हैं, तो ये आपकी सेहत नुकसान पहुँचा सकती हैं।

मुँह का स्वाद सही करने के लिये आप बिना तेल में तली हुई किसी नमकीन चीज को अपने इफ्तार के दस्तरखान पर रख सकते हैं। इसके साथ ही याद रखें कि, सहरी के वक्त हरी पत्तेदार सब्जियां और सलाद खाने से ज्यादा खायें, ताकि रोजे की हालत में शरीर में पानी का बेलेंस बना रहे।

फायदेमंद है प्रोटीन और फाइबर : सहरी करते वक्त प्रोटीन और फाइबर वाली चीजों को भरपूर मात्रा में लेने की कोशिश रखें। इनमें मल्टीग्रेन रोटी, छिलके समेत फल, अण्डे, पनीर, चिकन आदि खायें। प्रोटीन और फाइबर वाली चीजें खाने में लेने से लंबे वक्त तक प्यास नहीं लगती, साथ ही इससे ज्यादा देर तक पेट भी भरा रहता है। याद रखें कि, खाना कम से कम मसालों में ही बनायें ताकि, गरम मसालों की गरिष्ठता रोजे को नुकसान न पहुँचाये।

न लें कैफीन : अक्सर लोगों की आदत होती है कि, वो खाने के बाद चाय या कॉफी पीना पसंद करते हैं लेकिन, सहरी के दौरान कैफिन वाली चीजों से बचें। चाय या कॉफी पीने के बाद तो आपको फोरी तौर पर तो अच्छा लग सकता है लेकिन ये आपके शरीर का पानी सोख लेता है, जिसके चलते प्यास लग सकती है।

हल्की चीजों से करें इफ्तार की शुरुआत : इफ्तार का वक्त होते ही अकसर लोग खाना भी खा लेते हैं, लेकिन ऐसा करना सेहत के लिये नुकसान दे हो सकता है। हमेशा रोजा खजूर से खोलने की कोशिश करना चाहिये। अगर खजूर न हो तो पानी से खोल सकते हैं। इससे सेहत को फायदा तो होगा ही, साथ ही एकदम कोई ऑईली चीज खाने की वजह से एसिडीटी, उल्टी या पेट दर्द की संभावना भी नहीं रहेगी।

करें पानी की पूर्ति : रोज़े की हालत में लोग अपने काम भी करते हैं। ऐसे में उनके शरीर का वॉटर लेवल काफी तेजी से गिरता है। इसलिये रोज़ा खोलने के बाद से लेकर सहरी तक जितना हो सके पानी पीयें ताकि, शरीर को पानी की पूर्ति होती रहे। याद रखें रोज़ा खोलते वक्त एक दम से ठण्डा पानी या कोल्ड ड्रिंक पीना काफी नुकसान पहुँचा सकता है। इसलिये रोज़ा खोलते वक्त कम पानी पीयें फिर बाद में ज्यादा से ज्यादा पानी पी सकते हैं।

अल्लाह को हैं पसंद ऐसे रोज़ेदार : इन छोटी – छोटी बातों का अपने खानपान में ध्यान रखकर हम एक सेहतमंद रोज़ा रख सकते हैं। हालांकि, हदीस का मफूम (मायने) है कि, अल्लाह को उस रोज़े में की गयी इबादत ज्यादा मकबूल (पसंद) है, जिसमें भूख और प्यास शामिल होते हुए अपने रब के सामने झुका जाये और उससे माँगा जाये। अल्लाह हमें इस रेहमतों और बरकतों से भरे मुबारक महीने में ज्यादा से ज्यादा इबादत करने की तौफीख दे और रोज़े का सही हक़ अदा करने की तोफीख दे…।