दादी को ही समझ लिया बच्चा चोर . . .

 

 

 

 

(ब्‍यूरो कार्यालय)

जबलपुर (साई)। बरेला बिनेकी निवासी एक महिला को मदनमहल चौक पहुंचते ही क्षेत्रीयजन ने बच्चा चोर समझकर पकड़ लिया। महिला पढ़ी-लिखी नहीं होने के कारण बदहवासी में आ गई। उसने अपने बारे में जानकारी देते हुए गोद में लिए बच्चे को अपना पोता बताया लेकिन किसी ने भी उसकी बात का यकीन नहीं किया।

इसी बीच लोगों ने डायल 100 को सूचना दे दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर वृद्घा से पूछताछ की। जिसके बाद महिला ने अपने रिश्तेदारों के बारे में जानकारी दी। सभी से पूछताछ के बाद जब पुलिस और क्षेत्रीयजन को यकीन हो गया कि बच्चा महिला का ही पोता है, तो फिर उसे जाने दिया। दरअसल, महिला की आर्थिक स्थिति ठीक न होने से उसका पहनावा खराब था। वहीं बच्चा बहुत ही सुंदर था। यह देखकर लोगों को संदेह हुआ।

यह है मामला

घंसौर बिनेकी निवासी लता बाई केवट (50) अपने बेटे शुभम, बहू शिखा और पोते रियान (1) के साथ रहती थी। तीन दिन पहले शुभम का एक्सीडेंट होने पर उसे रद्दी चौकी स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया। शुभम की देखरेख के लिए उसकी पत्नी शिखा अस्पताल में थी। लता और रियान घर में थे। गुरुवार की सुबह लता पोते रियान को लेकर अस्पताल जाने के लिए बिनेकी से ट्रेन में बैठी और मदनमहल स्टेशन उतर गई। जिसके बाद वह मदनमहल चौक होते हुए छोटी लाइन फाटक जा रही थी। लता के पैर में चप्पल नहीं थी और उसकी साड़ी भी फटी हुई थी। लता की हालत देखकर रास्ते में कुछ लोगों ने उसकी गोद में बच्चे को देखा और संदेह करने लगे, जिसके बाद लता को पकड़कर पूछताछ शुरू कर दी।

बताया कि खाना लेने जा रही हूं

लता को संदिग्ध मानकर क्षेत्रीयजन ने डायल 100 को सूचना दी। सूचना पर टीम ने मौके पर पहुंचकर लता से पूछताछ की। लता ने बताया कि उसका बेटा शुभम रद्दी चौकी स्थित अस्पताल में भर्ती है। जिसका ऑपरेशन है। वह छोटी लाइन फाटक में रहने वाले रिश्तेदार सुभाष बर्मन के घर से खाना लेकर बेटे के पास अस्पताल जा रही थी।

रिश्तेदार के घर लेकर पहुंचे

डायल 100 के कर्मी और क्षेत्रीयजन को फिर भी यकीन नहीं हुआ, तो वह लता को उसके रिश्तेदार सुभाष के घर लेकर पहुंचे। जहां सुभाष ने बताया कि यह बच्चा लता का पोता है और आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण इस हालत में है। वहीं शुभम से भी फोन पर बात की गई। जिसके बाद लता को उसके रिश्तेदार के घर छोड़ा गया।