बारिश में हुआ विद्युत विभाग फेल!

 

मुझे शिकायत है विद्युत विभाग से जिसके कारण शहर ही नहीं बल्कि जिले भर के नागरिकों को पॉवर कट की समस्याओं से बार-बार जूझना पड़ रहा है।

हमेशा की तरह एक बार फिर बारिश ने विद्युत विभाग की पोल खोल कर रख दी है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जब-तब विद्युत आपूर्ति लंबे-लंबे समय तक के लिये ठप्प हो रही है। यही शिकायत दूरस्थ अंचलों के लोग भी करते नज़र आते हैं। वैसे तो ग्रामीण अंचलों में विद्युत आपूर्ति चाहे जब बाधित हो जाना आम बात थी लेकिन अब उन अंचलों के लोगों को यह पता चलता है कि आजकल शहर में भी यही हालात बने हुए हैं तो वे लोग आश्चर्यचकित हुए बिना नहीं रहते हैं।

इस तरह की कार्यप्रणाली को देखकर तो यही कहा जा सकता है कि विद्युत विभाग के द्वारा मेंटेनेंस के जो दावे किये जाते हैं वे सिर्फ और सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहते हैं वरना क्या कारण है कि जरा सी तेज हवा चलने पर ही विद्युत प्रवाह अवरूद्ध हो जाता है। तेज बारिश तो छोड़िये, हल्की बारिश में भी इसी तरह का व्यवधान उत्पन्न होना तो जैसे जिले वासियों की नियति बनकर रह गयी है।

दोषपूर्ण विद्युत वितरण की खबरों से समाचार पत्र अटे पड़े रहते हैं लेकिन मजाल है कि इस विभाग के अधिकारियों पर कोई असर भी हो जाये। वर्तमान में लोगों को उन दिनों की याद आने लगी है जब लंबे-लंबे समय तक के लिये लाईट गोल कर दी जाती थी। उन दिनों भी लाईट गोल रहने के कारण सामान्य कामकाज ठप्प हो जाते थे और इस विभाग की मेहरबानियों के चलते पुराने वे कष्टदायी दिन एक बार फिर वापस लौटते दिख रहे हैं। इस तरह यह स्पष्ट नज़र आने लगा है कि वर्तमान समय में सिवनी स्थित विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली फेल हो चुकी है।

विद्युत व्यवस्था जब तब ठप्प होने के लिये विभाग चाहे जो बहाने गढ़ता रहे लेकिन लोगों को नतीजों से मतलब रहता है और नतीजे ऐसे कतई नहीं हैं जिनसे इस विभाग की पीठ थपथपायी जा सके। लोगों की परेशानी तब और भी ज्यादा बढ़ जाती है जब विद्युत संबंधी शिकायत के लिये दिया गया नंबर 220280 पर संपर्क साधना मुश्किल हो जाता है।

यह समझ से परे है कि विद्युत विभाग के अधिकारियों की जानकारी मेें यह बात है कि फोन नंबर 220280 पर संपर्क करना उपभोक्ताओं के लिये बेहद कठिन हो गया है लेकिन इस समस्या का भी समाधान नहीं निकाला जा रहा है। शिकायती नंबर 220280 पर शिकायत दर्ज करवाकर उपभोक्ता यह सोचकर राहत महसूस कर सकता है कि उसकी शिकायत सुन ली गयी है लेकिन जब फोन ही नहीं लगता तब उपभोक्ता को लगता है कि उसकी शिकायत कैसे दूर होगी। शिकायत दर्ज होने के बाद उपभोक्ता धैर्य रख सकता है लेकिन इतनी छोटी सी बात विद्युत विभाग के अधिकारियों की समझ में नहीं आ रही है तो क्या कहा जा सकता है।

अविनाश त्रिपाठी