बेकार साबित हो रहे स्टॉप डेम!

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। जिले भर में बनाये गये स्टॉप डेम बारिश के मौसम में बेकार ही साबित हो रहे हैं। उधर, सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के आला अधिकारियों को मैदानी हालात का जायजा लेने की फुर्सत नहीं दिख रही है। जिले भर में अनगिनत स्टॉप डेम ऐसे हैं जिनमें द्वार (गेट) नहीं लगाये जाने के कारण पानी, रूकने की बजाय बहता ही जा रहा है।

ज्ञातव्य है कि समूचे जिले में पिछले एक सप्ताह से बारिश का दौर जारी है। इसके चलते नदी नाले भी उफान पर हैं। इसके बावजूद भी कई स्थानों पर स्टॉप डेम में गेट न होने से पानी नहीं रुक रहा है। गौरतलब होगा कि इन स्टॉप डेम को पानी रोकने की गरज से ही बनाया गया है।

ग्रीष्म काल में जब ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की दरकार होती है, तब इन स्टॉप डेम से मवेशियों और स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति स्टॉप डेम के पानी से हो सके, इसलिये इनका निर्माण किया जाता रहा है, लेकिन सभी आठ ब्लॉक में ऐसे हालात नज़र आ रहे हैं, कि स्टॉपडेम तो बने खड़े हैं, लेकिन इनमें लगने वाले गेट नहीं हैं, जिससे इनमें पानी को रोक पाना संभव नहीं है।

ग्रामीणों का कहना है कि जब स्टॉप डेम में पानी रोकना ही नहीं है तो इतने सरकारी धन का अपव्यय करने की क्या जरूरत थी? इससे तो बेहतर होता कि इनके निर्माण में लगने वाली राशि को किसी अन्य मद में व्यय कर दिया जाता।

जिले के घंसौर, धनौरा, बरघाट, कुरई, छपारा ब्लॉक में गर्मी के दिनों में अधिक समस्या होती है। ऐसे में क्षेत्र में जल संरक्षण के उपाय आवश्यक हो जाते हैं, लेकिन वॉटर शेड और अन्य विभाग इनके निर्माण में तो ध्यान लगाते हैं, लेकिन इनकी उपयोगिता का ध्यान नहीं रखा जाता है।

स्टॉप डेम में गेट चोरी या गुम होने की स्थिति पर पुनः गेट लगवाये जाने का कार्य नहीं हो रहा है। इन पर ध्यान देकर बहते जल को रोकने के उपाय किये जायें तो क्षेत्र का जल स्तर तो बढ़ेगा ही, जरूरत के दिनों में बहुत हद तक की पानी की समस्या भी दूर हो सकेगी।