भड़ाली नवमीं पर अबूझ महूर्त, होंगे विवाह
(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। लगन मुहूर्तों के इस अंतिम दौर में सात दिन तक लगातार शादियां होंगी। बुधवार 10 जुलाई भड़ली नवमीं के अबूझ मुहूर्त पर ज्यादा वर-वधु सात फेरे लेंगे। इस दिन इतनी ज्यादा शादियां होंगी कि बारात घर, होटल, बैण्ड पार्टी और समाज घरों की पहले ही बुकिंग हो चुकी है जबकि, इसके बाद चार माह का ब्रेक होगा। चातुर्मास में माँगलिक कार्य प्रतिबंधित रहेंगे।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शुक्रवार 12 जुलाई से चातुर्मास आरंभ होगा। ग्रहों की स्थिति के अनुसार इस बार 12 जुलाई देवशयनी एकादशी को भी माँगलिक कार्यों का मुहूर्त है। उसके बाद चार माह देव शयन होगा। इस दिन सूर्य क्रमशः कर्क, सिंह, कन्या और तुला राशि में रहेंगे। चारों राशि में जब तक सूर्य रहते हैं तब वैवाहिक मुहूर्त नहीं होते हैं। आठ नवंबर को देव उठनी एकादशी के बाद देवता जागृत होंगे, लेकिन 17 नवंबर को सूर्य के वृश्चिक राशि में प्रवेश करने के बाद 18 नवंबर को माँगलिक कार्यक्रम आरंभ होंगे।
जनवरी से मार्च तक ज्यादा मुहूर्त : ज्योतिषाचार्यों के अनुसार नवंबर माह में 09 और दिसंबर में 06 तिथियों में वैवाहिक मुहूर्त हैं। 16 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे तो खरमास आरंभ हो जायेगा। उसके बाद एक माह माँगलिक कार्यों पर प्रतिबंध लग जायेगा।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार मकर संक्रांति (14 जनवरी) के बाद शहनाई की धुन तेज होगी। 16 जनवरी से 12 मार्च तक 19 मुहूर्त रहेंगे। जनवरी में 11, फरवरी में सर्वाधिक 19 और मार्च में 09 मुहूर्त विवाह हेतु मिलेंगे। उसके बाद नव संवत्सर के पंचांग के अनुसार वैवाहिक मुहूर्त निर्धारित होंगे।
चातुर्मास में धार्मिक कार्य : चातुर्मास में संत जन एक स्थान पर रहकर साधना करते हैं। हालांकि चातुर्मास के धार्मिक अनुष्ठान का विशेष महत्व है। संतों के आश्रमों में धार्मिक कार्यक्रम किये जायेंगे। चातुर्मास के दौरान ही सावन में भगवान भोलेनाथ की साधना की जायेगी।