रेल व सड़क मार्ग को लेकर सांसद की चिंता

 

 

(शरद खरे)

लगभग तीन साढ़े तीन दशक के बाद सिवनी जिले को लेकर किसी सांसद ने अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए जिले के विकास की सुध ली है। बालाघाट सांसद डॉ.ढाल सिंह बिसेन के द्वारा एक के बाद एक कर केंद्र से संबंधित योजनाओं की बैठकें कर आवेदन, निवेदन के साथ ही साथ दिशा निर्देश जारी किये गये हैं।

परिसीमन और पुर्नआरक्षण के चलते सिवनी लोकसभा का विलोपन कर दिया गया था, जबकि सिवनी के विलोपन का प्रस्ताव ही नहीं था। उस समय के कद्दावर क्षत्रपों के द्वारा इसका विरोध क्यों नहीं किया गया यह बात शोध का ही विषय है। 2009 में सिवनी लोकसभा का अंतिम सांसद चुना गया था।

इसके बाद सिवनी लोकसभा को विलोपित किया जाकर पाँच में से चार बची विधान सभा सीटों में से केवलारी और लखनादौन को मण्डला तो सिवनी और बरघाट को बालाघाट लोकसभा का अंग बना दिया गया। सिवनी के सांसदों में स्व.गार्गी शंकर मिश्र और स्व.विमला वर्मा के द्वारा सिवनी के विकास के लिये प्रयास किये गये हैं। शेष सांसदों के पास शायद बताने लायक उपलब्धियां न हों।

2009 के बाद बालाघाट एवं मण्डला या डिंडोरी मूल के सांसद चुने जाने के कारण सिवनी जिले के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार होता रहा है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। पूर्व में मोदी मंत्रीमण्डल में मण्डला सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री रहे हैं पर उनके द्वारा सिवनी जिले में केंद्रीय इमदाद वाली स्वास्थ्य सेवाओं की सौगात नहीं दिलवायी जा सकी, अब वे इस्पात राज्य मंत्री हैं पर अब उनसे सिवनी के लिये उम्मीद कम ही की जा रही है लोगों के द्वारा।

इस बात बालाघाट संसदीय क्षेत्र से प्रदेश के पूर्व मंत्री और चार बार विधायक रहे डॉ.ढाल सिंह बिसेन ने विजयश्री का वरण किया है। डॉ.बिसेन ने शपथ ग्रहण के साथ ही सिवनी और बालाघाट जिले की सुध लेना आरंभ कर दिया है जो निःसंदेह प्रशंसनीय ही माना जायेगा।

उनके द्वारा सिवनी और बालाघाट में केंद्रीय विद्यालय खुलवाने के लिये प्रयास आरंभ किये गये हैं। इसके अलावा सिवनी से छिंदवाड़ा और सिवनी से नैनपुर तक के रेल खण्ड में अमान परिवर्तन के लिये अधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें निर्देश दिये गये हैं। सिवनी से छिंदवाड़ा के बीच अमान परिवर्तन का काम इस साल दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद की जा रही है। इसके अलावा फोरलेन के रूके काम को भी अगले साल तक अंजाम तक पहुँचा दिये जाने की बात अधिकारियों के द्वारा कही गयी है।

देखा जाये तो सड़क का काम तो 2010 में ही पूरा हो जाना चाहिये था। अगर इसमें कोई बाधा थी तो कम से कम सड़क को मोटरेबल बनाने की दिशा में तो पहल की ही जा सकती थी। सिवनी में फोरलेन पर एक ट्रामा केयर यूनिट स्वीकृत है। सांसद डॉ.बिसेन को चाहिये कि इस दिशा में वे पहल करें ताकि दुर्घटनाओं में घायलों को फौरी राहत मिल सके। वैसे डॉ.बिसेन की शुरूआती सक्रियता को देखते हुए अगर यह कहा जाये कि सिवनी का हर वाशिंदा उन्हें दिल से सलाम कर रहा होगा, तो यह अतिश्योक्ति नहीं होगा।