नारकीय स्थिति से गुजर रहे जिचि के प्राईवेट वार्ड!

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। सिवनी का जिला चिकित्सालय मरीज़ों के लिये नर्क में तब्दील हो गया लगता है। सामान्य वार्डों की स्थिति से तो सभी वाकिफ हैं लेकिन ज्यादा किराया वसूलने वाले प्राईवेट वार्ड में भर्त्ती मरीज़ भी समस्याओं से दो-चार हो रहे हैं।

जिला चिकित्सालय के प्राईवेट वार्ड नंबर 06 की स्थिति तो और भी ज्यादा दयनीय हो चुकी है। यहाँ सिवनी स्थित भगत सिंह वार्ड निवासी रानी पति समीर खान विगत चार दिनों से भर्त्ती हैं और वे अपने नवजात शिशु का उपचार भी यहीं से करवा रहीं हैं।

बारिश के अभाव में उमस भरी भीषण गर्मी के बीच इस वार्ड में लगाया गया पंखा बंद पड़ा हुआ है। इसके चलते रानी खान ने अपने घर से कूलर बुलवाया, तब जाकर उन्हें राहत नसीब हुई। इस वार्ड में रोशनी की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। रानी खान ने बताया कि वार्ड नंबर 06 में लाल रंग का एक बल्ब लगा हुआ है जो रोशनी कम देता है लेकिन गर्मी ज्यादा उत्पन्न करता है। उन्होंने बताया कि यदि उनके द्वारा शीतल हवा के लिये अपने घर से कूलर नहीं बुलवाया होता तो शायद उनके शिशु का स्वास्थ्य और भी ज्यादा प्रभावित हो सकता था।

कुल मिलाकर जिला चिकित्सालय के सामान्य वार्डों की तरह ही प्राईवेट वार्ड भी नारकीय स्थिति से गुजर रहे हैं। सामान्य वार्ड में कूलर तो लगे हुए हैं लेकिन उनमें पानी की व्यवस्था न होने के कारण वे भी गरम हवा ही फेंकते नज़र आते हैं। इस विषम स्थिति से बचने के लिये मरीज़ों के द्वारा जब प्राईवेट वार्ड को चुना जाता है तो उन्हें वहाँ भी राहत नसीब नहीं होती है।

जिला चिकित्सालय में भर्त्ती मरीज़ों के परिजनों का कहना है कि स्थानीय निवासी मरीज़ों के द्वारा तो कूलर जैसी व्यवस्थाएं बना ली जाती हैं लेकिन जो मरीज़ दूर दराज के क्षेत्रों से आकर प्राईवेट वार्ड में दाखिल रहते हुए अपना उपचार करवाते हैं उन सभी के लिये कूलर जैसी व्यवस्थाएं बनाना उतना आसान नहीं होता है। ऐसे हालात तब हैं जब प्राईवेट वार्ड में भर्त्ती मरीज़ों से प्रतिदिन किराया जमकर वसूला जा रहा है लेकिन सुविधाएं नगण्य ही हैं। जिला कलेक्टर के बारंबार जिला चिकित्सालय परिसर के भ्रमण के बावजूद यहाँ के हालातों में कोई परिवर्तन न आने पर लोग आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं।